बिहार सिटीज/ पटना।
आयोग की इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों की मदद करना है जिनकी शिक्षा पारिवारिक या सामाजिक परिस्थितियों की वजह से प्रभावित होती है। योजना की जानकारी सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों, किलकारी बाल भवन, आंगनबाड़ी केंद्रों और बाल कल्याण से जुड़ी संस्थाओं को दी जा चुकी है ताकि ज्यादा से ज्यादा ज़रूरतमंद बच्चों तक इसका लाभ पहुंच सके।
इन बच्चों को मिलेगा लाभ
जिनके पिता का निधन हो चुका है
तलाक के बाद मां के साथ रहने वाले बच्चे
जिनके पिता ने परिवार को छोड़ दिया हो
गंभीर बीमारी या सामाजिक संकट की वजह से शिक्षा में रुकावट आने वाले बच्चे
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ पाने के लिए इच्छुक अभिभावकों को ऑफलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्यालय में जमा किए जाएंगे। उसके बाद आवेदनों की भौतिक जांच की जाएगी और पात्र पाए जाने पर बच्चों को हर महीने ₹4000 की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
15 हजार से ज्यादा बच्चे अब तक चिह्नित
आयोग की ओर से अभी तक 15,657 बच्चों को चिह्नित किया जा चुका है। सरकारी व निजी स्कूलों और बाल संरक्षण संस्थाओं की मदद से बाकी पात्र बच्चों की सूची भी तैयार की जा रही है। जिलावार डाटा के आधार पर बच्चों को कैटेगरी में बांटा जाएगा, जिससे योजनाबद्ध ढंग से मदद दी जा सके।
किलकारी बाल भवन के बच्चे भी शामिल
किलकारी, आंगनबाड़ी केंद्रों और अन्य संस्थानों के कई बच्चों ने इस योजना के लिए आवेदन कर दिया है। आयोग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे इस योजना की जानकारी बच्चों व उनके अभिभावकों तक पहुंचाएं ताकि अधिकतम बच्चों को लाभ मिल सके।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य राकेश कुमार सिंह ने बताया,
“ऐसे कई बच्चे हैं जिनकी शिक्षा उनके पिता के निधन या पारिवारिक विघटन के चलते रुक जाती है। यह योजना इन बच्चों के भविष्य को संवारने की एक कोशिश है।”