बिहार सिटीज/सहरसा। कोसी क्षेत्र में मखाना की खेती लंबे समय से प्रमुखता से की जा रही है। यहां के किसान मखाना की उपज से आर्थिक लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मखाना से संबंधित उद्योगों की कमी ने उन्हें निराशा में डाल रखा था। अब सहरसा में मखाना प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना की जा रही है, जो किसानों के लिए नई उम्मीदों का संचार करेगा।
प्लांट की स्थापना
यह प्लांट बैजनाथपुर स्थित पेपर मिल परिसर में स्थापित किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी जीविका ने ली है। जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हिमांशु शर्मा ने इस पहल की जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 4 करोड़ रुपये की लागत से एक एकड़ भूमि पर यह आटा प्रसंस्करण यूनिट स्थापित होगी। इसमें मखाना, जिंक युक्त गेहूं और मल्टीग्रेन आटा तैयार किया जाएगा।
किसानों को मिलेगा लाभ
इस प्लांट के खुलने से स्थानीय किसानों को कई लाभ होंगे। पहले, किसानों को अपनी मखाना की उपज को बेचने में समस्याओं का सामना करना पड़ता था। अब, वे सीधे प्रोसेसिंग यूनिट को अपनी उपज बेच सकेंगे, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी। इसके साथ ही, रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे, जिससे स्थानीय युवाओं को काम मिल सकेगा।
स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद
इस उद्योग में मखाना से विभिन्न प्रकार के उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे, जैसे मखाना चिवड़ा और मखाना कुकीज। इसके अलावा, मोटे अनाज से तैयार मल्टीग्रेन आटा भी बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। ये सभी उत्पाद न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होंगे, बल्कि स्थानीय बाजार में भी इनकी मांग बढ़ेगी।
निष्कर्ष
सहरसा में मखाना प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना से किसानों की समस्याओं का समाधान होगा और कोसी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। यह पहल किसानों के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगी, जिससे वे अपनी मेहनत का सही मूल्य पा सकेंगे। अब समय है कि किसान इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएं और मखाना की खेती को एक नई ऊंचाई पर ले जाएं।